आज निरंतर हमारे चारों तरफ परिवर्तन देखने को मिलने जा रहा है। पहले की कल्पना करें तो पहले के जमाने में इतना कुछ देखने को नहीं मिलता था। आज वहां दौर चल रहा है जहां बड़े-बड़े कार्य कुछ समय में ही पूर्ण हो जाते हैं। हम एक तरफ देख तो Internet जिसको तो आज बच्चा-बच्चा भी जानता है। पर इसकी जब बेसिक जानकारी की बात आती है तो वहां कई लोगों को मालूम नहीं है तो आज हम उन्ही बेसिक जानकारी पर बात करेंगे। साथ में बात करेंगे कि Internet की वजह से कौन-कौन से परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा यहां कैसे कार्य करता है यह सभी जानकारी हम जल्द से जल्द जानने वाले हैं।
Internet क्या है?
इंटरनेट, इंटरनेशनल नेटवर्किंग (International Networking) का संक्षिप्ताक्षर है। यह दुनिया भर में फैले हुए अनेक छोटे-बड़े कम्प्यूटर नेटवर्कों के विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा आपस में जुड़ने से बना विशाल व विश्व व्यापक जाल (global network) है जो समान नियमों (protocols) का अनुपालन कर एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करते हैं तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव बनाते हैं। इंटरनेट नेटवर्कों का नेटवर्क है। यह संसार का सबसे बड़ा नेटवर्क है जो दुनियाभर में फैले व्यक्तिगत, सार्वजनिक, शैक्षिक,व्यापारिक तथा सरकारी नेटवर्कों के आपस में जुड़ने से बनता है। इंटरनेट को हम आधुनिक युग के संदेशवाहक की संज्ञा दे सकते हैं। इस तकनीक का प्रयोग कर हम किसी सूचना, जिसमें डाटा (data), टेक्स्ट (text), ग्राफ (graph), चित्र (image), ध्वनि (audio) तथा चलचित्र (video) शामिल है, इनको पलक झपकते ही दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में भेज सकते हैं तथा इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटरों में रखी गयी विशाल सूचनाओं में से वांछित सूचना प्राप्त भी कर सकते हैं। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण ही आधुनिक युग को ‘संचार क्रांति का युग’ भी कहा जाता है।
Internet का विकास क्या है?
इंटरनेट का विकास निम्न चरणों में दिया गया है-
• प्रो. जे. सी. लिकलाइडर (J.C. Licklider) ने सर्वप्रथम इंटरनेट की स्थापना का विचार 1962 में दिया था। इसी कारण, इन्हें ‘इंटरनेट का जनक’ भी माना जाता है।
• इंटरनेट का प्रारंभ 1969 ई. में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा अरपानेट (ARPANET – Advanced Research Project Agency Net) के विकास से किया गया। अरपानेट को दुनिया का पहला नेटवर्क कहा जाता है। अरपानेट का प्रयोग रक्षा विभाग में अनुसंधान व विकास के कार्य में किया गया। 1989 में इंटरनेट को आम जनता के लिए खोल दिया गया।
• 1989 में टिम बर्नर्स ली ने हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) का विकास किया।
• वर्ल्ड वाइड वेब (www-world wide web) का प्रस्ताव टिम बर्नर्स ली (Tim Berners Lee) द्वारा 1989 ई. में दिया गया था। इसी कारण, इंग्लैंड के वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली को वर्ल्ड. वाइड वेब का जनक माना जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) पर हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल (http) तथा टीसीपी/आईपी (TCP/IP) के द्विस्तरीय नियमों का परिपालन किया जाता है।
• वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का पहला आम प्रयोग 6 अगस्त 1991 को किया गया।
• Mosaic वर्ल्ड वाइड वेब पर प्रयुक्त पहला ग्राफिकल वेब ब्राउज़र (Graphical web Browser) था जिसका विकास मार्क एंडरसन (Marc Andreessen) ने 1993 में किया था।
• 1993 ई. में सर्न (CERN European Organization for Nuclear Research) ने वर्ल्ड वाइड वेब को निःशुल्क उपयोग के लिए उपलब्ध कराया।
• 1994 ई. में वर्ल्ड वाइड वेब के लिए विभिन्न मानकों तथा प्रोटोकॉल का विकास करने के लिए वर्ल्ड वाइड वेब संघ
(World wide web consortium-W3C) की स्थापना की गई ।
• 15 अगस्त 1995 ई. को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा भारत में इंटरनेट सेवा का प्रारंभ किया गया।
क्या आप जानते हैं?
प्रोफेसर जे.सी. लिकलाइडर को इंटरनेट का जनक (Father of Internet) माना जाता है जिन्होंने अरपानेट (ARPANET) के गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अरपानेट से ही वर्तमान इंटरनेट व्यवस्था का जन्म माना जाता है। इंग्लैंड के वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली को वर्ल्ड वाइड वेब का जनक (Father of World Wide Web) माना जाता है। इन्होंने 1989 में हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) का भी विकास किया।
Internet कैसे कार्य करता है?
दुनियाभर के अनेक छोटे बड़े कंप्यूटर नेटवर्क के विभिन्न संचार माध्यमों से आपस में जुड़ने से इंटरनेट का निर्माण होता है। इंटरनेट Client-Server Model पर काम करता है। इंटरनेट से जुड़ा प्रत्येक कंप्यूटर एक सर्वर से जुड़ा होता है तथा संसार के सभी सर्वर विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा आपस में जुड़े होते हैं। सर्वर अपने से जुड़े उपयोगकर्ता (client) को मांगी गयी सूचना या डाटा उपलब्ध कराता है। यदि मांगी गई सूचना उस सर्वर के पास उपलब्ध नहीं है तो वह उस सर्वर की पहचान करता है जहां यह सूचना उपलब्ध है तथा उस सर्वर से सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध करता है। इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों के बीच डाटा स्थानांतरण के लिए यह आवश्यक है कि सभी नेटवर्क एक समान नियमों या प्रोटोकॉल का उपयोग करें। ओपन आर्किटेक्चर नेटवर्किंग द्वारा टीसीपी/आईपी (TCP/IP) के द्विस्तरीय नियमों के परिपालन द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान सुविधाजनक बनाया गया है। इसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पैकेट स्विचिंग (Packet Switching) का प्रयोग किया जाता है जिसमें सूचनाओं का बंडल (Packet) बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इस कारण, एक ही संचार माध्यम का उपयोग विभिन्न उपभोक्ताओं द्वारा किया जा सकता है। इससे दुनियाभर के कंप्यूटर एक-दूसरे से सीधे जुड़े बिना भी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
किसी कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider) की सेवा लेनी पड़ती है। टेलीफोन लाइन या वायरलेस तकनीक द्वारा कंप्यूटर को इंटरनेट सेवा प्रदाता के सर्वर से जोड़ा जाता है। इसके लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता को कुछ शुल्क भी देना पड़ता है।
सारांश-
आशा करता हूं दोस्तों आपको Internet क्या है तथा यहां कैसे कार्य करता है। यह सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। मैंने अपनी तरफ से आसान से आसान शब्दों में सभी जानकारी समझने का पूरा प्रयास किया है अगर फिर भी आपके मन में कोई सा भी कंफ्यूजन हो तो आप बेझिझक होकर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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