Hybrid Topology क्या है जी हां दोस्तों आज का आर्टिकल में हम इस सब्जेक्ट के बारे में चर्चा करने वाले हैं। कई लोगों के मन में प्रश्न जरूर आया होगा कि आखिर यह होता क्या है और इससे क्या फायदा है क्या हानियां है यह सभी जानकारियां तो जानेंगे। साथ में हम यह भी जानेंगे कि इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है। आज प्रजेंट टाइम में कई लोगों को Hybrid Topology के बारे में इंफॉर्मेशन मालूम नहीं है तो आज हम इसी टॉपिक को लेकर विशेष चर्चा करने वाले हैं इसलिए बिना वक्त गंवाए जल्द से जल्द जानते हैं।
Hybrid Topology क्या है?
Hybrid Topology जो कि एक तरह से नेटवर्क टोपोलॉजी ही है। इसको विशेष दो या उससे अधिक टोपोलॉजी को मिलाकर बनाते हैं। अर्थात यहां दो या फिर उससे ज्यादा टोपोलॉजी से मिलकर बनी हुई होती है। जिनमें मुख्य रूप से बस टोपोलॉजी, मेश टोपोलॉजी, रिंग टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी और ट्री टोपोलॉजी शामिल है। वही Hybrid Topology की कुछ विशेषताएं भी है जैसे कि – mesh, bus, ring, star और tree etc.
वैसे खासकर इस टोपोलॉजी का उपयोग स्कूल, बिजनेस और कई सारी जगह पर जरूरत के हिसाब से होता है। इसके विपरीत इस टोपोलॉजी का जो स्ट्रक्चर है वहां काफी जटिल है।
Hybrid Topology की परिभाषा क्या है?
Hybrid Topology की परिभाषा – Hybrid Topology जो की एक प्रकार से नेटवर्क टोपोलॉजी है और यहां दो या फिर उससे ज्यादा टोपोलॉजी को आपस में मिलाकर बनती है।
Hybrid Topology के प्रकार क्या है?
Hybrid Topology के तीन प्रकार होते हैं निम्न माध्यम से जानते हैं।
1. Star-Ring Hybrid Topology :- इस टाइप के जो हाइब्रिड टोपोलॉजी होते हैं उनको क्रिएट करने के लिए ring और star topology का यूज होता है। इनमें होता क्या है की रिंग टोपोलॉजी की हेल्प से दो या दो से ज्यादा स्टार टोपोलॉजी को एक विशेष वायर कनेक्शन के सहयोग से कनेक्ट किया जाता है। जिससे टोपोलॉजी में जो डाटा है वहां दोनों दिशाओं में पहुंच जाता है। डाटा प्रवाह की जो विधि है उसको Unidirectional Or Bidirectional (द्विदिश) विधी कहते हैं।
2. Star-Bus Hybrid Topology :- इस टोपोलॉजी में star और bus topology का बड़ा सहयोग रहता है। मतलब इनको आपस में कनेक्ट करके ही इस टोपोलॉजी को बनाया जाता है। इसमें बस टोपोलॉजी के यूज से दो या उससे ज्यादा स्टार टोपोलॉजी को एक वायर कनेक्शन की हेल्प से कनेक्ट करते हैं। इसके पश्चात टोपोलॉजी स्टार टोपोलॉजी को आपस में कनेक्ट करती है जिसके कारण यहां पर एक backbone structure का निर्माण होता है। आपको बता दे की backbone structure एक टाइप से वायर कनेक्शन है। जिसके द्वारा डिवाइस को आपस में कनेक्ट किया जा सकता है।
3. Hierarchical Network Topology :- इस टोपोलॉजी को ट्री टोपोलॉजी भी कह सकते हैं क्योंकि इसका स्ट्रक्चर एक ट्री यानी की पेड़ की तरह ही है। इस टोपोलॉजी से बड़े-बड़े नेटवर्क का निर्माण होता है और ऐसा करने के लिए यहां विशेष भिन्न-भिन्न लेयर पर मौजूद जो मल्टीप्ल ग्रुप होते हैं। उनका आपस में कनेक्ट करती है।
Hybrid Topology के फायदे क्या है?
Hybrid Topology के फायदे के बारे में नीचे कुछ जानकारी दी गई है आइए हम विस्तार से जानते हैं।
• Hybrid Topology को expand किया जा सकता है।
• जब हाइट ट्रैफिक की बात आती है तो उसको भी हैंडल करना Hybrid Topology के लिए आसान है।
• Hybrid Topology के हेल्प से बड़े-बड़े नेटवर्क क्रिएट किया जा सकते हैं।
• वहीं नए डिवाइस को इस टोपोलॉजी में ऐड करते हैं तो इसकी स्पीड पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
Hybrid Topology के नुकसान क्या है?
Hybrid Topology के नुकसान के बारे में निम्नलिखित कुछ जानकारियां दी गई है आइए डिटेल में जानते हैं।
• Hybrid Topology के स्ट्रक्चर की बात करें तो यहां काफी जटिल है।
• इसको सेटअप करने में काफी मुश्किलें आती है।
• वही सेटअप में कई अधिक केबल का यूज करना पड़ता है।
• जब नेटवर्क की बैकबोन खराब होती है तब नेटवर्क के परफॉर्मेंस में काफी इफेक्ट पड़ता है।
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सारांश –
दोस्तों आशा करता हूं कि आपको Hybrid Topology से रिलेटेड सभी इनफॉरमेशन पसंद जरूर आई होगी। Hybrid Topology क्या है? इसकी परिभाषा, प्रकार, फायदे और नुकसान के बारे में सभी जानकारियां अच्छे से समझ में जरूर आई होगी अगर फिर भी आपके मन में कोई कंफ्यूजन या डाउट हो तो आप आराम से कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। साथ में इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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