टेक्नोलॉजी आज इतनी फैल चुकी है कि हम शब्दों में इसके बारे में बयां नहीं कर पाएंगे। इन्हीं टेक्नोलॉजी से बारीक से बारीक काम भी बड़ी जल्दी पूरा हो जाता है। वही जब बात बड़े काम की आती है तो बड़े काम में भी टेक्नोलॉजी ने बहुत परिवर्तन ला दिया है। इन टेक्नोलॉजी से बिजनेस में भी कहीं ना कहीं काफी विकास पिछले कई समय से देखने को मिल रहा है। आज हम मनुष्य एक दिन में लगभग कई सारे कार्य आराम से कर सकते हैं इसके पीछे का कारण केवल टेक्नोलॉजी है। इन्हीं टेक्नोलॉजी से रिलेटेड आज का टॉपिक है। जिसे Cloud Computing कहते हैं क्लाउड कंप्यूटिंग जो भी एक टेक्नोलॉजी ही है और जिससे हम किसी भी तरह के डाटा को मतलब सरल शब्दों में कहे तो हमारी जो भी पर्सनल या इंर्पोटेंट इनफॉरमेशन होती है। उसको इंटरनेट पर सुरक्षित रख सकते हैं पर यह केवल अधूरी जानकारी है। आगे की जानकारी आपको इस टॉपिक के माध्यम से मिलेगी चलिए बिना देर करें जानते हैं।
Cloud Computing क्या है?
Cloud Computing जो एक ऐसी टेक्नोलॉजी है कि जिसकी हेल्प से data और program को विशेष तौर पर इंटरनेट में स्टोर और एक्सेस करना आसान है। कहने का अर्थ है कि Cloud Computing के द्वारा डेटा या इनफॉरमेशन को इंटरनेट की हेल्प से स्टोर, मैनेज और साथ ही उसका पुनः बैकअप ले सकते हैं। Cloud Computing में कई टाइप के रिसोर्स ऐड होते हैं जैसे- data storage, servers, databases, networking, एवं applications आदि। Cloud Computing खास रूप से बिजनेस के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि कम खर्चे में एक अच्छी प्रोडक्टिविटी क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा मिलती है। बात प्रोडक्टिविटी कि हीं नहीं सेफ्टी और परफॉर्मेंस में भी काफी बढ़त देखने को मिलती है। कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो Cloud Computing से किसी भी डिवाइस में स्टोर-स्पेस की प्रॉब्लम से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि जो भी डाटा होता है वहां क्लाउड पर स्टोर हो जाता है।
Cloud Computing कैसे वर्क करता है?
Cloud Computing का वर्क करने का तरीका थोड़ा अलग है जो कि इस प्रकार है।
1. Data Storage :- सर्वप्रथम जो डाटा सेंटर में बड़े सर्वर्स होते हैं जिनमें यूजर का संपूर्ण डाटा स्टोर होता है। जहां पर स्पेशली सेफ्टी और डाटा सेफ्टी पर बहुत फॉक्स दिया जाता है।
2. Request and Access :- जब कभी भी यूजर अपने डिवाइस की हेल्प से क्लाउड सर्विस का लाभ लेना चाहता है। तब यूजर इंटरनेट द्वारा उस सर्वर तक विजिट कर सकता है।
3. Processing :- अक्सर देखा गया है कि सर्वर यूजर के अनुरोध को प्रोसेस करते हैं। अर्थात पहले यूजर की मांग को रखते हुए डाटा को रिसीव करते हैं और फिर उसी यूजर कि रिक्वेस्ट आने पर डाटा को डिस्प्ले करते हैं।
4. Response :- अब सर्वर्स यूजर के डिवाइस को डाटा सेंड करते हैं। जिससे यूजर बड़ी सरलता से डाटा का यूज कर सकता है।
5. Security :- इसमें स्पेशली डाटा की सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर विशेष फोकस दिया गया है।
Cloud Computing के प्रकार क्या है?
Cloud Computing को चार भागों में डिवाइड किया गया है आइए डिटेल में जानते हैं।
1. Public Cloud –
पब्लिक क्लाउड में यूजर इंटरनेट पर क्लाउड सर्विस ले सकता है वैसे इसको third party जैसे – Amazon, Microsoft तथा Google आदि के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। पब्लिक क्लाउड आमतौर पर पब्लिक के लिए होता है। इसमें कोई भी यूजर इंटरनेट की हेल्प से Public Cloud का लाभ ले सकता है। बात जब खर्च की आती है तो इसमें pay-per-use के हिसाब से देने होते हैं यानी कि जितना हम इस सर्विस का लाभ लेंगे उतना ही भुगतान करना होगा।
Public Cloud के कुछ उदाहरण जैसे- IBM SmartCloud Enterprise, Microsoft, Google App Engine.
2. Private Cloud –
Private Cloud इनमें प्राइवेट स्ट्रक्चर पाया जाता है। Private Cloud को internal या corporate cloud भी कहते हैं। आज प्रजेंट टाइम में प्राइवेट कंपनी के लिए प्राइवेट क्लाउड बड़ा अच्छा ऑप्शन है। प्राइवेट कंपनियां प्राइवेट क्लाउड की हेल्प से डाटा को मैनेज और डाटा सेंटर क्रिएट कर सकती है। इसमें सिक्योरिटी मामले में बहुत अधिक फोकस दिया गया है। खासकर इसमें firewall का उपयोग किया जाता है जिससे डाटा बहुत अत्यधिक सुरक्षित रहे।
3. Hybrid Cloud –
Hybrid Cloud जिसको पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड के कॉन्बिनेशन से बनाया जाता है। अर्थात इसमें पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड दोनों के फीचर्स देखने को मिलते हैं। Hybrid Cloud को heterogeneous cloud भी कहते है। इसमें भी सुरक्षा जैसे मामलों में काफी फॉक्स दिया गया है।
Hybrid Cloud के कुछ उदाहरण जैसे- Gmail, Google Apps, Google Drive, और MS Office.
4. Community Cloud –
Community Cloud जो मुख्य रूप से distributed system है। इसको कई सारे ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। वही यह आपस में डाटा को शेयर भी कर सकते हैं। कम्युनिटी क्लाउड को यह किया एक से अधिक ऑर्गेनाइजेशन या फिर यूं कहीं की थर्ड पार्टी की सहायता से मैनेज किया जाता है। जो दूसरे क्लाउड है उनके मुकाबले यहां काफी काम खर्चीले है और पब्लिक क्लाउड से अगर इसकी तुलना की जाए तो अधिक सुरक्षित भी है।
Community Cloud का उदाहरण जैसे- Health Care community cloud.
Cloud Computing के फायदे बताइए?
Cloud Computing के कुछ फायदे इस प्रकार हैं जैसे-
1. क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा डाटा को स्टोर और उसका बैकअप लेना बड़ा सिंपल है।
2. यूजर मतलब दुनिया में कहीं भी रहकर इंटरनेट के द्वारा वहां से क्लाउड में जो भी इंफॉर्मेशन स्टोर की गई उसको सिंपली एक्सेस कर सकता है।
3. क्लाउड कंप्यूटिंग में डॉक्यूमेंट इमेज ऑडियो वीडियो यह सभी डाटा स्टोर हो सकते हैं और ज्यादा मेमोरी स्पेस पहले से ही अवेलेबल होता है।
Cloud Computing के अनुप्रयोग क्या है?
Cloud Computing यह कुछ अनुप्रयोग निम्न दिए गए हैं।
1. Cloud Computing द्वारा ऑनलाइन डाटा स्टोरेज में फाइल, इमेज, वीडियो यह सभी हम स्टोर कर सकते हैं।
2. Cloud Computing द्वारा बैकअप और रिकवरी आराम से की जा सकती है मतलब जो डाटा हम खो चुके होते हैं उसको दोबारा प्राप्त करने के लिए बहुत से टूल होते हैं जो डाटा को पुणे डिवाइस में ला सकते हैं।
3. Big data analysis में Cloud Computing बहुत ही हेल्पफुल है। बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा स्टोर डाटा को एनालिसिस करने में क्लाउड कंप्यूटिंग का यूज होता है। बड़ी मात्रा में डाटा को एनालाइज करना बड़ा जोखिम भरा हो सकता है लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा इस काम को आज प्रजेंट टाइम में आसान बना दिया गया है।
4. Cloud Computing में एक ऐसा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर होता है जिससे बिजनेस में अवेलेबल सिस्टम पर निगरानी रखी जा सकती है अर्थात उसको वायरस से सेफ रखा जा सकता है।
5. E-commerce में Cloud Computing बहुत उपयोगी है क्योंकि किसी भी प्रोडक्ट के डाटा को ऑनलाइन स्टोर करने में बड़ी दिक्कत आती है लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा इस काम को भी बड़ा सरल बना दिया गया है। इससे होता क्या है कि कस्टमर और जो बिजनेसमैन होता है। वह दोनों आपस में जुड़ जाते हैं और कस्टमर आराम से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकता है।
6. Education में Cloud Computing काफी फैल चुका है आपने कभी ना कभी इ-लर्निंग , ऑनलाइन डिस्टेंस प्रोग्राम लर्निंग , और स्टूडेंट इनफार्मेशन पोर्टल में जरूर सुना होगा यह सभी कार्य आज क्लाउड कंप्यूटिंग की हेल्प से पॉसिबल हो चुके हैं। स्टूडेंट को एक मतलब कहे की नया तरीका पढ़ाई करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग ने प्रोवाइड कर दिया है। आज स्टूडेंट घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकता है।
7. Medical field में Cloud Computing बड़ा अच्छा नाम कमाया है। मेडिकल फील्ड में पेशेंट के डाटा को स्टोर और एक्सेस करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग यूज होती है। क्लाउड कंप्यूटिंग की हेल्प से डॉक्टर इमरजेंसी कॉल एंबुलेंस यह सभी इनफॉरमेशन आसानी से एक्सेस आज प्रजेंट टाइम में हम सभी कर सकते है।
यहाँ भी जाने – मोबाइल कंप्यूटिंग क्या है: Mobile Computing की विशेषताएं बताइए?
सारांश-
दोस्तों मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको लगभग सभी जानकारियां बहुत पसंद आई होगी। वही आपको मैंने आसान से आसान शब्दों में सभी जानकारियां समझने का पूरा प्रयास किया है अगर फिर भी आपको कुछ डाउट है तो आप बिना प्रॉब्लम के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपके लिए यहां आर्टिकल कितना उपयोगी है यह जानकारी भी आप कमेंट बॉक्स में जरूर बता सकते हैं।
“Thankyou”