आज हम ऐसे विषय पर बात करने वाले हैं जो बहुत ही कमाल का होने वाला है। आज के टॉपिक में हम Blockchain टेक्नोलॉजी के बारे में चर्चा करेंगे। सबसे पहले हम जानेंगे कि यहां Blockchain क्या है? इतना देखकर आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा की इसके फायदे क्या हैं और इसको किस लिए उपयोग करते तो आपको सभी जानकारियां नीचे आसान से आसान शब्दों में मिलेगी चलिए जल्द से जल्द बिना देर करें जानते हैं।
Blockchain क्या है?
Blockchain जो एक तरह से ऐसी टेक्नोलॉजी है। जिससे डिजिटल करेंसी ही नहीं अपितु किसी भी चीज को डिजिटल रूप में रखकर उसका रिकॉर्ड भी सुरक्षित रखा जा सकता है। सरल शब्दों में कहे तो- Blockchain जो एक डिजिटल लेजर अकाउंट होता है। जो भी ट्रांजैक्शन इसकी हेल्प से होता है वह चेन में ऐड हुए प्रत्येक कंप्यूटर पर प्रदर्शित आसानी से हो सकता है। Blockchain जिसको क्रिप्टो करेंसी का बैकबोन भी माना जाता है। यहां क्रिप्टोकरेंसी तक ही सीमित नहीं है इससे भी आगे यहां कई सारे क्षेत्र में भी काफी उपयोगी सिद्ध हुई है। Blockchain जो बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी रूप से डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है। जिसे कोई सा भी हैकर हैक नहीं कर सकता है। Blockchain का शुरुआती दौर वर्ष 1984 से शुरू होता है तब पॉपुलर Cryptographer David Chaum ने Blockchain प्रोटोकॉल का प्रस्ताव रखा था पर फिर वर्ष 1991 में Stuart Haber और W. Scott Stornetta ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था। बात इसकी असली पहचान की आती है तब वर्ष 2009 में इसको वास्तविक पहचान प्राप्त हुई।
Blockchain के प्रकार बताइए?
Blockchain के प्रकार मुख्य रूप से तीन रूपों में विभाजित है चलिए दोस्तों निम्न माध्यम से जानते हैं।
1. Public Blockchain –
Public Blockchain जिसका कोई भी यूजर बड़ी सरलता से यूज कर सकता है। उदाहरण के तौर पर Bitcoin, Ethereum, Litecoin इत्यादि यह सभी पब्लिक ब्लॉकचेन में आती है। होता क्या है कि जो भी इंफॉर्मेशन होती है वह नेटवर्क में स्टोर होती है। पर एक जगह इनफॉरमेशन स्टोर ना होकर बल्कि कई सारे कंप्यूटर में स्टोर होती है। जिनको आसान शब्दों में Nodes कह सकते हैं।
2. Private Blockchain –
Private Blockchain जो एक क्लोज्ड सोर्स नेटवर्क सिस्टम है। कहने का अर्थ कि प्राइवेट ब्लाकचैन का अगर कोई भी यूजर यूज करता है तो उसको सबसे पहले अनुमति लेनी पड़ती है ऐसा इसलिए क्योंकि इसको एक सिंगल पार्टी कंट्रोल करती है। इस नेटवर्क सिस्टम का उपयोग मात्र चुने हुए यूजर ही कर सकते हैं। उसके कुछ उदाहरण जैसे- Hyperledger, Multichain, Ripple etc.
3. Hybrid Blockchain –
इस टाइप की ब्लॉकचेन में पब्लिक और प्राइवेट दोनों की सर्विस देखने को मिलती है। यानी इसमें प्राइवेट परमिशन और पब्लिक परमिशन दोनों टाइप में यूजर को मिलते हैं। इसमें होता क्या है कि इसमें यहां संस्था द्वारा फिक्स हो जाता है कि कौन सी इनफार्मेशन को पब्लिक रखना है और कौन सी इनफार्मेशन को प्राइवेट रखना है। Dragonchain जो Hybrid Blockchain का उदाहरण हैं।
Blockchain कैसे काम करता है?
Blockchain जिसका खास कार्य डिजिटल इंफॉर्मेशन के रिकॉर्ड एवं साथ में डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति प्रोवाइड करना है। Blockchain जो ट्रांजैक्शन का एक ऐसा प्लेटफार्म है कि जिसमें बदलाव, नष्ट करना यह सभी मुमकिन नहीं है। अब बात आती है कि यहां कैसे कार्य करती है तो यहां निम्नलिखित तीन सबसे इंर्पोटेंट पार्ट्स पर आधारित होकर काम करता है। चलिए विस्तार से जानते हैं।
1) Block :-
ब्लॉकचेन में Block कि काफी ज्यादा भागीदारी है। इसमें संपूर्ण डाटा स्टोर होता है और प्रत्येक Block का अपना-अपना एक यूनिक hash number होता है। जो पिछले ब्लॉक से डायरेक्ट कनेक्ट रहता है। hash number तब क्रिएट होता है जब कोई ट्रांजैक्शन होता है।
2) Miners :-
इसकी भी ब्लॉकचेन में काफी अच्छी भागीदारी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक यही है जिसकी हेल्प से नए ब्लॉक को मीनिंग करके क्रिएट किया जा सकता है। उदाहरणार्थ जब कभी भी बिटकॉइन या फिर क्रिप्टोकरंसी से कोई ट्रांजैक्शन होता है तो उसे ट्रांजैक्शन की डिटेल सर्वप्रथम Miners में हीं आती है। यहां इस इनफार्मेशन को वेरीफाई करके यानी की उस ब्लॉक में जो भी ट्रांजैक्शन डाटा है उसकी इनफार्मेशन निकलने का काम होता है। यहां ट्रांजैक्शन डाटा एक Mathematical Puzzle की भांति होता है। जिनको सिर्फ कंप्यूटर द्वारा ही सॉल्व कर सकते हैं। पर दूसरी और इसको सॉल्व करना आसान नहीं है ब्लॉक से जानकारियां निकालना के पश्चात माइनर उसको फिर एक hash number देता है यहां सभी ब्लॉक का भिन्न-भिन्न होता है। इसके अलावा प्रत्येक ब्लॉक का hash number पहले ब्लॉक से कनेक्ट होता है।
3) Nodes :-
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक टेक्नोलॉजी है जिसको एक व्यक्ति या संस्था नियंत्रित नहीं कर सकती है। इसको एक तरह से एक खाता बुक मान सकते हैं। इसमें हर टाइप की जानकारियां सुरक्षित रहती है इस खाता बुक को Nodes मेंटेन करके रखता है। Nodes याने कंप्यूटर जिसे नेटवर्क आपस में एक दूसरे से कनेक्ट होता है। ब्लॉकचेन में इस टाइप के कई सारे Nodes मौजूद रहते हैं और हर एक के पास ब्लॉकचेन की कॉपी पहले से ही होती है। इस नेटवर्क में जो ट्रांजैक्शन अथवा गतिविधि होती है उसको वेरीफाई करके और नेटवर्क में अपडेट तुरंत करते हैं। कभी अगर किसी त्रुटि से अगर ऐसा प्रतीत होता है कि गलत गतिविधियां या ट्रांजैक्शन हुआ है तो यह सभी Nodes साथ मिलकर उसको कैंसिल कर देते हैं।
Blockchain के उपयोग लिखिए?
Blockchain के कुछ मुख्य उपयोग के बारे में निम्न जानकारियां दी गई है चलिए जानते हैं।
1. Financial services – ब्लॉकचेन के कारण फाइनेंशियल सर्विस में काफी इजाफा हुआ है। पूरी दुनिया के पॉपुलर बैंक जैसे- JP Morgan, Citibank, Morgan Stanley यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की हेल्प आज प्रजेंट टाइम में ले रहे हैं।
2. Health care sector – हेल्थकेयर सेक्टर में ब्लाकचैन उपयोगी इसके द्वारा अस्पताल में जो कर्मचारी, डॉक्टर और पेशेंट्स पिताजी रहते हैं उनकी इंफॉर्मेशन को ब्लॉकचेन में सुरक्षित रखा जा सकता है।
3. Business sector – आज बिजनेस में ब्लॉकचेन ने कॉफी ग्रोथ ला दी है। प्रेजेंट टाइम में बड़ी-बड़ी रिटेल कंपनी ब्लॉकचेन की हेल्प ले रही है।
Blockchain से क्या फायदे हैं?
Blockchain से जो फायदे होते हैं उनके बारे में नीचे कुछ जानकारियां विस्तार से दि गई है चलिए विस्तार से जानते हैं।
• ब्लॉकचेन जो एक ओपन सोर्स प्लेटफार्म है। इसमें किसी भी टाइप का फ्रॉड नहीं होता है अगर फ्रॉड जैसा कुछ बदलाव होने भी लगे तो तुरंत पता चल जाता है।
• ब्लॉकचेन जिसमें ट्रांजैक्शन प्रोसेस बहुत फास्ट होता है। वहीं दूसरी ओर ब्लॉकचेन में ट्रांजैक्शन फीस ना के बराबर होती है।
• ब्लॉकचेन जिसमें किसी भी थर्ड पार्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बात करें हम रुपए, डॉलर यह सभी सरकार के हाथों में होते हैं। पर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से यह किसी के कंट्रोल में नहीं होते हैं।
Blockchain से क्या-क्या नुकसान है?
Blockchain जिससे एक ओर फायदा प्राप्त होता है तो दूसरी ओर कुछ नुकसान भी उठाने पड़ते हैं जो कि निम्न दिए गए हैं।
• ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करना थोड़ा महंगा साबित हो सकता है।
• ब्लॉकचेन जिसमें एक बार अगर कोई डाटा फिट हो जाता है तो उसको परिवर्तित करना नामुमकिन है।
• बात करें बिजली खपत की तो कहीं बड़े-बड़े UAE, Netherland देश ऐसे हैं जो ज्यादा बिजली यूज 1 साल में खर्च नहीं करते हैं किंतु बिटकॉइन पूरे एक ही साल में इन देशों से ज्यादा बिजली यूज में लेता है।
यहां भी जानें – MS Office क्या है? Microsoft Office किस काम आता है? समझाइये
सारांश –
आशा करता हूं कि दोस्तों आपको Blockchain क्या है? तथा इससे रिलेटेड सभी जानकारियां पसंद जरूर आई होगी और आपको समझने में भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई होगी। अगर फिर भी आपको कहीं ना कहीं डाउट हो तो आप कमेंट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते हैं। साथ में इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
“Thankyou”