आज हम ऐसे जमाने में है जहां जो दिखता है वहां होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है। मेरा कहने का मतलब है की वास्तविक चीज कहीं ना कहीं हम लोगों से दूर है। हम लोगों को केवल वही चीज यानी वही बनावटी चीज मिल रही है और हम उन पर ही पूरा विश्वास कर लेते हैं। ठीक एक ऐसा ही सब्जेक्ट हम आज लेकर आए हैं जिसे Deepfake कहते हैं। इसके बारे में कई लोगों ने सुना होगा परंतु कई ऐसे भी लोग हैं जिनको इसके बारे में मालूम नहीं तो आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं। यहां Deepfake एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टेक्नोलॉजी है। यहां एक तरफ फायदेमंद है तो एक तरफ नुकसानकारक भी है पर उससे पहले हम जानेंगे कि यहां है क्या चीज? चलिए जानते हैं।
Deepfake क्या है?
Deepfake जो टेक्नोलॉजी का रूप है इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा किसी व्यक्ति की इमेज या वीडियो को किसी दूसरे व्यक्ति की इमेज या वीडियो में चेंज किया जा सकता है। चेंज करने के बाद वीडियो या इमेज इतना ओरिजिनल लगता है जैसे की बिल्कुल असली ही हो।
Deepfake नाम देने के पीछे एक बहुत बड़ा रीजन है और रीजन यहां है कि यहां टेक्नोलॉजी machine learning, deep learning and neural network के सपोर्ट से तैयार हुई है इसमें एक व्यक्ति के चेहरे को दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदल दिया जाता है। किसी भी इमेज या वीडियो को इस टेक्नोलॉजी द्वारा जब क्रिएट किया जाता है। तब मतलब उस इमेज या वीडियो को कोई भी व्यक्ति फेक साबित कर ही नहीं सकता है। वास्तविक में दोस्तों यहां टेक्नोलॉजी 21वीं सदी की सबसे पावरफुल और पॉपुलर टेक्नोलॉजी में से एक है।
Deepfake कैसे काम करता है? हिंदी में-
Deepfake का काम करने का तरीका बड़ा ही अद्भुत है जो कि निम्न चरणों में समझाया गया है आइए जानते हैं।
• Deepfake टेक्नोलॉजी है और इसमें एक Deep Learning, GANs models का उपयोग बहुत खास होता है यानी एक कंप्यूटर प्रोग्राम में बड़ी चतुराई से जेनरेटिव एडवर्सरील नेटवर्क (GANs) उपयोग होकर किसी भी व्यक्ति की इमेज और वीडियो को बिल्कुल फर्जी रूप में संशोधित किया जा सकता है। अर्थात किसी भी व्यक्ति की इमेज या वीडियो जो ओरिजिनल डाटा के रूप में होता है उसको खुद की या फिर किसी अन्य व्यक्ति की इमेज या वीडियो में बदला जा सकता है। जो की बिल्कुल वास्तविक प्रतीत होता है।
• जानकारी के अनुसार आपको बता दे की Deepfake तैयार करने के लिए पहले एक बड़ी मात्रा में इमेज या वीडियो को यूज करके एक मशीन लर्निंग मॉडल को trained कराया जाता है। इस मॉडल को यहां समझाया जाता है कि किस प्रकार से एक व्यक्ति के चेहरे की चमक जैसे की शरीर, उसकी आंखें, उसकी नाक और उसकी बॉडी लैंग्वेज, बॉडी मूवमेंट इत्यादि को पहचाने और बिल्कुल सेम टू से उसके जैसा ही डुप्लीकेट तैयार करें। एक समय में जब मॉडल को trained किया जा सकता है तब उस व्यक्ति की इमेज या वीडियो से किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे को चेंज करना बड़ा संभव होता है। मतलब की आउटपुट बिल्कुल ऐसा लगता है जैसे की ओरिजिनल कैरक्टर हो परंतु वहां एक कल्पना है वहां वास्तविक नहीं है वहां असली में एक नकल होती है।
Deepfake कैसे बन सकता है?
Deepfake कैसे बनता है तो इसका जवाब निम्न माध्यम से दिया गया है जिसको चलिए विस्तार से जानते हैं।
1. Data Collection:-
डाटा कलेक्शन जो की बहुत ही जरूरी है सबसे पहले डाटा को इकट्ठा किया जाता है और फिर प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट व्यक्ति के चेहरे की इमेज, वीडियो और आवाज को कई सैंपल्स के रूप में जोड़ा जाता है।
2. Training the Model:-
इसके बाद एक जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (GAN) नामक machine learning frameworks को trained कराया जाता है जिससे कि मॉडल को पूर्ण ज्ञान हो सके कि कैसे ओरिजिनल इमेज, वीडियो एवं आवाज के सपोर्ट से किसी दूसरे व्यक्ति का नकली कैरक्टर खड़ा किया जाए।
3. Result:-
अब अंतिम छोर में जब पूर्णता मॉडल trained हो जाता है तब वाकई में फेक वीडियो अथवा इमेज को तैयार किया जा सकता है जो दिखेगा असली परंतु वास्तविक में असली नहीं है।
Deepfake के प्रकार कौन-कौन से हैं?
Deepfake के कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित प्रदर्शित किए गए हैं जैसे-
1) Video Deepfake:-
यहां Deepfake बहुत प्रचलित है इसके द्वारा किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति चेहरे से बदल दिया जाता है।
2) Photo Deepfake:-
यहां Deepfake थोड़ा कम कंपलेक्स होता है Video Deepfake के मुकाबले। इसकी हेल्प से किसी भी व्यक्ति की फोटो में उसके चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे से shaped कर दिया जाता है।
3) Text Deepfake:-
यहां Deepfake बाकी सब के मुकाबले बड़ा स्पेशल है क्योंकि इसमें Text को टारगेट किया जाता है। अर्थात इसमें किसी व्यक्ति के लिखने के तरीके को किसी अन्य व्यक्ति के तरीके से बदल जाता है।
4) Audio Deepfake:-
यहां Deepfake, AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सहयोग से किसी भी व्यक्ति की आवाज को किसी अन्य व्यक्ति के बोलने की आवाज में चेंज करता है। अर्थात आवाज को चेंज करना इसमें एक पलक झपकाने जैसा काम है।
Deepfake के फायदे बताइए?
Deepfake के कुछ मुख्य फायदे निम्न दिए गए हैं।
• Entertainment : सबसे पहला फायदा मनोरंजन के क्षेत्र में आज फिल्में, टीवी शो या अन्य जो मनोरंजन व्यवसाय होते हैं उनमें Deepfake बड़ा major होता है।
• Advertisement : आज विज्ञापन क्षेत्र में काफी डेवलपमेंट होता जा रहा है और इसका कारण Deepfake टेक्नोलॉजी है।
• Education : शिक्षा के क्षेत्र में Deepfake कहीं ना कहीं उपयोगी जरूर है क्योंकि इससे वर्चुअल तथा ऑगमेंटेड रियलिटी मीडियम से स्टूडेंट को तरह-तरह के सब्जेक्ट में उत्कृष्ट बनाया जा सकता है।
Deepfake के नुकसान क्या-क्या है?
Deepfake वास्तविक में एक जोखिम हो सकता है। आज भले ही हम इस पहलू से अनजान है परंतु भविष्य में इसके दुष्परिणाम जरूर देखने को मिलेंगे। पर आज भी इसके कुछ परिणाम कुछ इंटेंसिटी में सामने आ रहे हैं जैसे-
• Fake news : नकारात्मक खबर में आज समाज के लगभग सभी लोग कहीं ना कहीं घिरे हुए हैं। यानी बिना किसी कारण के किसी व्यक्ति का उपहास या झूठी खबर फैलाना Deepfake से कुछ सेकंड में हो जाता है। जिससे फ्यूचर पर बडा इफेक्ट पड़ता है।
• defame a person : defame a person यानी किसी व्यक्ति को बदनाम करना यहां तो आज एक स्वाभाविक बात हो गई है। Deepfake से ऐसे कार्यों को अंजाम देने में ज्यादा समय ही नहीं लगता है। आज किसी व्यक्ति को बदनाम करना, अश्लील करना, या किसी से बदला निकालना टेक्नोलॉजी यानी Deepfake से तेज गति से ऐसी घटना को निर्मित किया जा सकता है।
• threatening the person : threatening the person यानी किसी व्यक्ति को धमकाना ऐसे मामलों ने आज अपनी गति को ठीक कर लिया है। पूर्व समय में टेक्नोलॉजी नहीं थी तो ऐसे मामले होते ही नहीं थे परंतु अब Deepfake जिसने ऐसे मामलों को खुला निमंत्रण भेजा है।
दोस्तों कारण यहां है कि टेक्नोलॉजी गलत नहीं है गलत यहां है कि उनको सही तरीके से इस्तेमाल न करना। सही तरीके से और सोच समझकर इनका उपयोग किया जाए तो यह मानव समाज कल्याण से प्रतिकूल जा ही नहीं सकती है। बस यहां केवल मानव के हाथ में है सही और गलत का फैसला।
Deepfake की पहचान कैसे कर सकते हैं?
1. Look carefully – कोई भी चीज वास्तविक की बराबरी नहीं कर सकती है। Deepfake कितना ही डिफिकल्ट क्यों ना हो उसको पहचानना संभव है बस कुछ एक्टिविटीज, चेहरे की स्थिति, हाथों की उंगलियों और जो भी अन्य विवादित विवरण शामिल है उन पर भी ध्यान दिया जा सकता है।
2. activities – एक्टिविटीज बहुत मायने रखती है। किसी भी व्यक्ति की पहचान करने में उसकी गतिविधियां जैसे- आंखें या होंठ जो बहुत तेज़ी से हिल रहे, चेहरे के भाव इन सबके द्वारा Deepfake को तलाशना बड़ा आसान हो जाता है।
3. Sound – किसी भी वीडियो में आवाज को पहचानना या जांचना आज इंटरनेट के दौर में बड़ा सहज है जैसे की आवाज स्तर या गुणवत्ता, इसमें अगर थोड़ी भी असमानता दिखाई पड़ती है तो पहचाना सहज हो जाता है।
कुछ वेबसाइट भी काफी हेल्प करती है जो Deepfake को पूरे तरीके से स्पष्ट कर सकती है। कुछ वेबसाइट के नाम दिए गए हैं जैसे- Deepware Scanner, Microsoft Video Authenticator etc.
पर ऐसे मामलों के लिए कानून भी कहीं ना कहीं काफी ज्यादा सशक्त है।
यहां भी जानें – ऑपरेटिंग सिस्टम में Kernel क्या है? और यहाँ क्या काम करता है?
सारांश –
आशा करता हूं कि दोस्तों आपको ऊपर दी गई सभी जानकारी पसंद जरूर आई होगी। सभी जानकारी समझ में जरूर आई होगी। मैंने अपनी तरफ से आसान से आसान शब्दों में समझाने की पूरी कोशिश करी है। फिर भी आपको अगर इन जानकारी से लेकर कोई डाउट हो तो आप कमेंट बॉक्स में तुरंत पूछ सकते हैं साथ में इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
“Thanks”
कुछ FAQ-
Q.1 Deepfake टेक्नोलॉजी क्या है in hindi?
Ans. Deepfake जो टेक्नोलॉजी का रूप है इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा किसी व्यक्ति की इमेज या वीडियो को किसी दूसरे व्यक्ति की इमेज या वीडियो में चेंज किया जा सकता है। चेंज करने के बाद वीडियो या इमेज इतना ओरिजिनल लगता है जैसे की बिल्कुल असली ही हो।
Q.2 Deepfake का पता कैसे लगाया जाता है?
Ans. एक्टिविटीज बहुत मायने रखती है। किसी भी व्यक्ति की पहचान करने में उसकी गतिविधियां जैसे- आंखें या होंठ जो बहुत तेज़ी से हिल रहे, चेहरे के भाव इन सबके द्वारा Deepfake को तलाशना बड़ा आसान हो जाता है।