C Language क्या है? इसकी विशेषताएं, उपयोग, फायदे, नुकसान व कैसे सीखे सकते हैं?

C Language क्या है? आज की टॉपिक में दोस्तों हम इसी सब्जेक्ट पर बात करने वाले हैं वैसे तो यहां एक प्रोग्रामिंग भाषा है परंतु यहां बहुत ही लोगों द्वारा पसंदीदा लैंग्वेज बन चुकी है। इसको सीखना बड़ा सरल है पर उससे पहले हम जानेंगे कि यहां होती क्या है, इसको किसने बनाया, इसकी विशेषताएं, इसके फायदे-नुकसान इन सब के साथ-साथ हम जानेंगे कि इस भाषा को कैसे सीख सकते हैं और इसको सीखना क्यों हमारे लिए साथ ही साथ स्टूडेंट के लिए जरूरी क्यों है? चलिए बिना देर करें इस खास विषय के बारे में जल्द से जल्द जानने का प्रयास करते हैं।

 

C Language क्या है?

C Language जो खास रूप से एक हाई लेवल की प्रोग्रामिंग भाषा होती है। इसके द्वारा System software, application software तथा embedded systems क्रिएट करायें जा सकते हैं। यहां आज वर्तमान समय में बहुत ही पॉपुलर लैंग्वेज बन चुकी है किंतु यहां बहुत ही पुरानी लैंग्वेज है इसके बावजूद भी इसने आज बहुत नाम कमा लिया है। इसके आविष्कार की बात करें तो इसका आविष्कार 19 के दशक में सन् 1972 में bell नामक प्रयोगशाला में “डेनिस रिची” द्वारा किया गया था। डेनिस रिची को ही C Language का जनक कहा जाता है। हालांकि इन्होंने सिर्फ इस भाषा को Unix operating system के लिए ही तैयार किया था परंतु कुछ समय बाद इसका इस्तेमाल सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में होने लगा। C Language जिसको सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। किसी भी व्यक्ति ने अगर इस लैंग्वेज को जान लिया तो वहां कई दूसरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे की – Java, Python, etc को बड़ी सरलता से सीख सकता है। बस इस लैंग्वेज से लिखे गए प्रोग्राम को compile और run कराने के लिए कंपाइलर की आवश्यकता पड़ती है वैसे तो यहां एक सॉफ्टवेयर होता है।

 

C Language को किसने बनाया?

यहां बात सन 1972 की है जब “Dennis Ritchie” ने American Telephone And Telegraph की Bell Laboratories में C Language का निर्माण किया था। इन्हीं को ही C Language के जनक के रूप में जाना जाता है। C Language नाम देने के पीछे भी एक कारण है। अनोखा कारण यह था कि यहां जो पूरा आईडिया है वहां पुराने Computer Programming Language B से वितरित किया गया है जिस वजह से यह नाम पड़ा।

C Language की विशेषताएं कौन-कौन सी है?

C Language जिसकी कुछ सामान्य विशेषताएं निम्नलिखित दी गई है।

1. Easy – वास्तविक में यहां एक सिंपल लैंग्वेज है। इस लैंग्वेज का syntax बहुत ही सरल है जिसके कारण कोई भी नए व्यक्ति को इस लैंग्वेज को सीखने में कठिनाई नहीं होगी।

2. Independent – C Language जो मैन्युअली machine independent यानी की मशीन स्वतंत्र लैंग्वेज है। इसलिए इसको किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम में रन कराया जा सकता है।

3. Speed – इस लैंग्वेज की स्पीड बहुत फास्ट होती है। तुलना अगर Java, python से की जाए तो उनके मुकाबले में भी काफी फास्ट है।

4. Procedural Language – C Language एक Procedural Language का रूप है ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें हर एक प्रोग्राम को स्टेप बाय स्टेप लिखा जा सकता है।

5. Library – C Language में स्पेशली built-in-function नाम की लाइब्रेरी अवेलेबल होती है। इसकी हेल्प से कोई भी उपयोगकर्ता आसानी से प्रोग्राम को लिख सकता है।

 

C Language के उपयोग क्या है?

C Language के कुछ मुख्य उपयोगों के बारे में निम्नलिखित जानकारी प्रदर्शित की गई है जैसे –

• C Language के सपोर्ट से वीडियो गेम को डेवलप किया जा सकता है।
• इसी लैंग्वेज से ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) को बना सकते हैं।
• इस लैंग्वेज का इस्तेमाल आज हम जिन वेब ब्राउज़र (जैसे- गूगल क्रोम, फायरफॉक्स आदि) को यूज करते हैं उनको बनाने में होता है।
• इस लैंग्वेज के इस्तेमाल से MySQL डेटाबेस को क्रिएट करना बड़ा सरल है।
• इस लैंग्वेज से कई टाइप के एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर और सिस्टम को डेवलप करना पॉसिबल है।
• एनिमेशन की दुनिया में C Language काफी उपयोगी साबित हुई है।

 

आखिर C Language को सीखना क्यों जरूरी है?

आज टेक्नोलॉजी की दुनिया में यह C Language का नॉलेज बड़ा छोटा महसूस होता है। इस लैंग्वेज को सीखना क्यों जरूरी है तो इसको सीखना चाहिए वह भी हर स्टूडेंट को इससे ऐसे बहुत सारे कार्य पॉसिबल हो जाते हैं जिनका आइडिया भी नहीं लगाया जा सकता है। आइये दोस्तों डिटेल में जानते हैं।

Computer हर एक व्यक्ति की आज जरूरत बन चुका है। पर यहा किस मेथड से काम करता है तो इसको जानने के लिए आपको C Language को जानना होगा।

इस लैंग्वेज को अच्छी तरह से सीखने के बाद बाकी सारी लैंग्वेज जैसे- c++, Java, python etc. को सिखना किसी भी व्यक्ति के लिए सरल हो जाता है।

आज ओपन सोर्स प्रोजेक्ट्स की काफी ज्यादा चर्चा होती है जैसे- Linux kernel, SQLite database, python interpreter etc. इनको भी इस C Language की काफी जरूरत पड़ती है।

अपने इन बातों से अनुमान तो जरूर लगा लिया होगा कि यह लैंग्वेज फ्यूचर में काफी यूजफुल होने वाली है। इस लैंग्वेज का फ्यूचर बहुत बड़ा होने वाला है।

 

C Language को कैसे सीख सकते हैं?

C Language को सिखाना कोई जटिल काम नहीं है बस इसमें आपकी प्रैक्टिस महत्व रखती है जितना आप प्रैक्टिस करेंगे उतना आप बेहतर बनते जाएंगे। C Language सीखने के लिए नीचे कुछ टिप्स बताई गई है जिनको अवश्य फॉलो करें।

1. Internet – Internet आज दुनिया में छाया हुआ है। इंटरनेट भी एक अच्छा ऑप्शन है C Language को सीखने के लिए।

2. Books – Books मार्केट में आपको C Language से रिलेटेड कई प्रकार की बुक्स मिल जाएगी जिनकी हेल्प से भी आप C Language सीख सकते हैं।

3. YouTube channel – आज प्रजेंट टाइम में बस केवल सीखने की चाह होनी चाहिए। यूट्यूब भी सीखने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है जहां आप बेसिक से लेकर एडवांस तक की C Language से जुड़ी हुई जानकारी को समझ सकते हैं, जान सकते हैं और सीख सकते हैं।

4. Social media – सोशल मीडिया का भी काफी अच्छा चलन होता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी व्यक्ति आराम से C Language से रिलेटेड जानकारी को सीख सकता है। अपने फ्रेंड्स, सीनियर सर्कल से काफी ढेर सारी इंफॉर्मेशन को बटोर सकता है।

5. Online course – ऑनलाइन कोर्स भी एक अच्छा माध्यम है। जहां से C Language के बारे में काफी जानकारियां सीखने को मिल सकती हैं। पर इसके लिए आपको ऑनलाइन कोर्स परचेज करना होता है।

 

C Language के फायदे

C Language के फायदे इस प्रकार है जैसे-

1. यहां एक सरल भाषा है जिसको नया व्यक्ति भी सरलता से सीख सकता है।

2. फास्ट स्पीड से यहां एक पसंदीदा प्रोग्रामिंग भाषा बन चुकी है। वहीं कई प्रोग्रामिंग भाषाओं की तुलना में भी काफी फास्ट साबित भी हुई है।

3. C Language किसी भी कोड में उपस्थित त्रुटियों को तुरंत ढूंढ लेती है।

4. यहां भाषा ओपन सोर्स लैंग्वेज की रेंज में आती है। जिससे कोई भी व्यक्ति निशुल्क इसको इंटरनेट पर डाउनलोड करके और इसको फ्री में यूज कर सकता है।

 

C Language के नुकसान

C Language के कुछ नुकसान नीचे दिए गए हैं-

1. C Language मेमोरी को मैनेज करना काफी डिफिकल्ट होता है।

2. जब रनटाइम होता है तब किसी भी error को चेक करना मुश्किल भरा होता है।

3. C Language में constructor व destructor सर्विस अवेलेबल नहीं है।

4. यहां भी पाया गया है कि इसमें exception को हैंडल करना नामुमकिन है।

 

C Language तथा C++ में अंतर क्या है?

C Language तथा C++ में कुछ प्रमुख अंतर निम्न टेबल में दिए गए हैं चलिए जानते हैं।

C Language

C++

ये लैंग्वेज procedural लैंग्वेज होती है। ये लैंग्वेज object oriented लैंग्वेज होती है।
इस लैंग्वेज के जनक “Denis Ritchie” थे। इस लैंग्वेज के जनक “Bjarne Stroustrup” थे।
इस लैंग्वेज में C++ में लिखे हुए कोड को रन नहीं कराया जा सकता है। इस लैंग्वेज में C में लिखे हुए कोड को रन कराया जा सकता है।
C Language में फाइल एक्सटेंशंस .c के रूप में होता है। C++ में फाइल एक्सटेंशंस .cpp, .c++, .cc, .cxx के रूप में होता है।
इसमें एक लिमिट में 32 keywords होते हैं। वही इस लैंग्वेज में सी लैंग्वेज की अपेक्षा 97 keywords होते हैं।

 

 

यहां भी जानें – Web Hosting क्या होती है? वेब होस्टिंग कितने प्रकार की है?

सारांश –

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल की मदद से आप जान गए होंगे कि C Language क्या है? आशा करता हूं कि आपके सारे डाउट क्लियर जरूर हो चुके होंगे अगर फिर भी आपको C Language से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। साथ में इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। ताकि वह भी C Language क्या है? के बारे में जान सके।
“Thank you”

कुछ FAQ –

Q.1 कंप्यूटर में C भाषा क्या है?
Ans. C Language जो खास रूप से एक हाई लेवल की प्रोग्रामिंग भाषा होती है। इसके द्वारा System software, application software तथा embedded systems क्रिएट करायें जा सकते हैं। यहां आज वर्तमान समय में बहुत ही पॉपुलर लैंग्वेज बन चुकी है किंतु यहां बहुत ही पुरानी लैंग्वेज है इसके बावजूद भी इसने आज बहुत नाम कमा लिया है।

Q.2 C भाषा में कितने अक्षर होते हैं?
Ans. C भाषा में 26 अक्षर होते है। 

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